पुलिस ने फर्जी तरीके से जॉब दिलवाने और फर्जी कॉल सेंटर चलाने के मामले में गिरोह के एक और आरोपी को किया काबू

पुलिस ने फर्जी तरीके से जॉब दिलवाने और फर्जी कॉल सेंटर चलाने के मामले में गिरोह के एक और आरोपी को किया काबू

Providing Fake Jobs and running a Fake Call Center

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साइबर क्राइम पुलिस को फिर बड़ी कामयाबी।
पुलिस ने मामले में अब तक कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया कर चुकी।

रंजीत शम्मी चंडीगढ़। Providing Fake Jobs and running a Fake Call Center: यूटी पुलिस का अहम थाना माने जाने वाले साइबर क्राइम पुलिस लोगो से हो रही ठगी के मामले में आरोपियों की लगातार धरपकड़ कर रही है। पुलिस ने एक बार फिर फर्जी तरीके से जॉब दिलवाने और फर्जी कॉल सेंटर चलाने के मामले में गिरोह के एक और आरोपी को किया गिरफ्तार किया ही। पकड़े गए आरोपी की पहचान हरियाणा के जिला करनाल के रहने वाले 44 वर्षीय विक्रम सिंह के रूप में हुई है।जबकि पुलिस ने मामले में अब तक कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पकड़े गए आरोपी के खिलाफ बीएनएस 2023 की धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2) के थाना साइबर सैल में 28 मार्च 2025 को मामला दर्ज है।

क्या था मामला

जानकारी के अनुसार सैक्टर 20 के रहने वाले शिकायतकर्ता रायज कुमार ने पुलिस को बताया था कि 23 सितंबर 2024 को उन्हें एक एयरलाइंस में  में नौकरी के लिए कॉल आया था।जिसके बाद ऑनलाइन इंटरव्यू हुआ और ऑफर लेटर मिला।  उनसे कई तरह के शुल्क मांगे गए थ। जिसमें एक हजार,399 (पंजीकरण), तीन हजार,999 (सुरक्षा), 20 हजार,550 (बीमा), 10 हजार (खाता खोलना), 9 हजार 269 (कर),और 95 हजार,500 (केबिन और फ्लैट का किराया) - ये सभी यूपीआई के ज़रिए चुकाए गए थे। साथ ही ज्वाइन करने के बाद पैसे वापस करने का वादा किया गया। बाद में जब पीड़ित ने संपर्क किया तो उन्होंने संपर्क करना बंद कर दिया। और उसे पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है। मामले की शिकयत पुलिस को दी गई थी। पुलिस ने मामले में कारवाई करते हुए मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जानकारी के अनुसार चंडीगढ पुलिस के आला अधिकारियों के दिशा निर्देशों के चलते थाना साइबर सैल के डीएसपी ए वेंकटेश की सुपरविजन में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रोहताश यादव की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया है।

कार्यप्रणाली:

पुलिस के मुताबिक आरोपी ने फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एयरलाइंस, शॉपिंग मॉल, वाहन ऋण, स्वास्थ्य बीमा आदि में नौकरी से जुड़े फ़र्जी तरीके से पोस्ट किए। जैसे ही पीड़ितों ने देखा तो उन्होंने बताए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। आरोपियों ने पंजीकरण, सत्यापन, बीमा और नौकरी से जुड़ी दूसरी औपचारिकताओं के बहाने पीड़ितों को कई बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने का लालच दिया।

बरामदगी:

आरोपी के कब्जे से सक्रिय सिम कार्ड वाले 02 मोबाइल फ़ोन बरामद किए।

जनता के लिए सलाह:

ऑनलाइन नौकरी या ऋण को लेकर सोशल मीडिया पर फ़ोन नंबर, लिंक और खाता विवरण वेरिफाई करें।बड़े बैंक लेन-देन करने से पहले दोबारा जाँच करें। ऐसी जानकारी परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों के साथ साझा करें।ट्राई,सीबीआई, ईडी, मुंबई पुलिस या किसी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी से होने का दावा करने वाले लोगों से गुमनाम कॉल/संदेश न लें।अपने सिम कार्ड या बैंक खातों का इस्तेमाल दूसरों को धोखाधड़ी की गतिविधियों के लिए न करने दें। आपको कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।